श्रीमती गीता चौहान एक संवेदनशील गृहिणी हैं, जिन्हें काव्य लेखन का गहरा रुझान है। वे अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज की विसंगतियों, स्त्री-मन के अंतर्द्वंदों तथा जीवन के विविध अनुभवों को प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त करती हैं। उनकी पुस्तक खामोशी, जो सद्भावना पब्लिकेशन से प्रकाशित है, एक पठनीय और चिंतन-प्रेरक काव्य संग्रह है।